Thursday 11 October 2012


दिन बहुरेंगे मेवात के !!


देश आज़ाद हुआ और हरियाणा भी पंजाब से अलग होकर पूर्ण राज्य बना. इन दोनों एतिहासिक घटनाओं को कई दशक बीत गये. इस दौरान देश ने भी हर क्षेत्र में तरक्की की और हरियाणा ने भी. कई मायनो में ये छोटा सा राज्य देश दुनिया के लिए मिसाल बना. कई क्षेत्रों में ये राज्य देश में सिरमोर बना. इसकी तरक्की से कुछ राज्यों को रस्क हुआ तो कुछ राज्यों ने इसकी नीतियों को आतम्सात किया और उन्हें देखते हुए अपनी नीतिया बनाई. लेकिन इस राज्य की तरक्की और खुबसूरत चहेरे पर एक शिकन हमेशा रही. वो शिकन थी मेवात के पिछड़ेपन की, अशिक्षा की और वहां के हालत की. हरियाणा ने पिछले सालों में हर क्षेत्र में तरक्की की लेकिन मेवात जस का तस रहा. हरियाणा की प्रगति के खुबसूरत मखमल में ये एक पैबंद जैसा है. लेकिन कहते हैं ना की सबका समय आता है. तो ऐसा लगता है की अब मेवात का समय आ गया है. इस जिले को अप्रैल के महीने में फिर एक ख़ुशी मिली. ७ साल पहले इसी महीने में अस्तित्व में आये मेवात के लिए इस बार अप्रैल का महिना नई सौगात लेकर आय. वो सौगात है इस जिले के लिए एक अलग शिक्षक कैडर बनाये जाने की सरकार की घोषणा की.
देर आये दुरुस्त आये की तर्ज पर अब हरियाणा सरकार ने समझ लिया है की अगर इस क्षेत्र का विकास करना है की तो यहाँ शिक्षा के उजाले को फैलाना होगा. यहाँ शिक्षा के बूते ऐसी रोशनी पैदा करनी होगी की जिसकी चमक में हर अँधियारा दूर भाग जाए. इसी सोच को आगे रखते हुए अब सरकार ने इस क्षेत्र में शिक्षा के प्रसार को लेकर नइ योजना तैयार की है जिसके तहत इस क्षेत्र के किये शिक्षकों का अलग कैडर बना दिया है. इस फैसले के तहत अब मेवात जिला में पढ़ने वाले शिक्षा का जिले से बाहर तबादला नहीं होगा. यानि एक बार जो यहाँ शिक्षक तैनात हुआ उसे पूरी जिंदगी अपनी सेवाएँ यही देनी होंगी.  सरकार को ये योजना इस लिए बनानी पड़ी क्यूंकि मेवात में बहार से आने वाले ज्यादातर शिक्षक जिले में नहीं रहना चाहते जिसकी वजह से यहाँ पर शिक्षा का स्तर बहुत पिछड़ा है. यहाँ पर नौकरी करना सरकारी महकमों में काले पानी की सजा की तरह से देखा जाता है. इस बात को हरियाणा सरकार भी जानती है और मेवाती भी. इस क्षेत्र में कोई भी नौकरी नहीं करना चाहता. अब जी सत्रह से सरकार ने इस जिले के लिए ही अलग कैडर बना दिया है उससे लगता है की अब शिक्षा के क्षेत में इसके दिन बहुरेंगे और ये जिला भी राज्य के दुसरे जिलों के साथ कदम ताल करता नज़र आएगा. फिलवक्त जो शिक्षक इस जिले में काम कर रहे हैं वो अगले तीन महीने में सरकार को ये बता सकते हैं की वो आगे यहीं रहना चाहते हैं या नहीं. अगर कोई शिक्षक यहाँ नहीं रहना चाहता तो उसका तब्दला यहाँ से बाहर कर दिया जाएगा. 
चार अप्रैल दो हज़ार पांच को मेंवात हरियाणा का बीसवां जिला बना था. हरियाणा के गुडगाँव और फरीदाबाद के एक हिस्से को मिलकर उसे मेवात जिला बनाया गया था. इसे जिला बनाने के पीछे सरकार की मंशा इस क्षेत्र का विकास करना थी. सरकार की मंशा तो सही थी लेकिन समय बीतने के साथ वो पूरी नहीं हो पाई. जिला बनने के बाद जिस तरह का विकास इस जिले में होना चाहिए था वो नहीं हो पाया. 2011 की जनगणना के अनुसार यहाँ की जनसँख्या है 1089406 . इस जिले की साक्षरता दर 44.07 है जबकि राज्य की साक्षरता दर 67 .91 है. इससे भी बुरी जानकारी ये है की यहाँ महिलायें शिक्षा में बहुत ज्यादा पिछड़ी हैं. यहाँ पर महिलायों की साक्षरता सिर्फ 24.26 फिसद ही है जबकि हरियाणा की ये दर है 55.73 फिसद. साफ़ है जब शिक्षा ही नहीं होगी तो कोई एरिया तरक्की कैसे करेगा. सरकार को भी शायद अब ये समझ में आया है की वो चाहे जितनी मर्जी योजनायें बना ले लेकिन मेवात में तरक्की तभी आएगी जब यहाँ शिक्षा का उजियारा फैलेगा. सरकार की इसी सोच के चलते बना है मेवात जिला स्कूल शिक्षा ग्रुप सी तथा बी अधिनियम. इस अधिनियम के तहत ही अब मेवात में पूरे प्रदेश से अलग हटकर शिक्षकों का एक कैडर होगा. इस अधिनियम के बाद राज्य की शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल काफी उत्साहित है. वो कहती हैं की ये पहला मौका है जब प्रदेश सरकार ने एक जिले के लिए ये नियम बनाये हों. इन नियमों के बाद इस क्षेत्र में शिक्षकों की कमी नहीं होगी. ख़ास बात ये है की मेवात के लिए अलग से जो कैडर बनाया गया है इसमें ३३ फीसदी महिला आरक्षण का प्रावधान भी किया गया है. जिला मेवात में अध्यापक पद के लिए आवेदक प्रदेश के किसी भी जिले से हो सकता है। लेकिन तैनाती के बाद उसे सेवानिवृति तक वहीँ काम करना होगा. भुक्कल कहती हैं की मेवात में अध्यापको की भर्ती शीघ्र की जायेगी.  
सरकार ने अलग कैडर को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है. मेवात में शिक्षकों के अलग कैडर की अधिसूचना के तहत राज्य सरकार यहां पांच हजार अध्यापक नियुक्त करेगी। जिनमे ६०० उर्दू के अध्यापक भी होंगे. मेवात में प्राथमिक शिक्षकों के 2910, टीजीटी 265, टीजीटी साइंस 121, टीजीटी गणित 105, टीजीटी उर्दू 2, टीजीटी होम साइंस 2, टीजीटी आ‌र्ट्स 1, टीजीटी म्यूजिक 2, फिजीकल एजुकेशन 15 के अलावा सभी विषयों के पीजीटी 625 पद स्वीकृत किए गए हैं। हरियाणा सरकार ने मेवात में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए अध्यापकों के अलग काडर की अधिसूचना 11 अप्रैल को जारी की है।  इस अधिसूचना के जारी होने के बाद नूंह के विधायक आफताब अहमद ने सरकार का शुक्रिया अदा किया है.  उन्होंने कहा कि यह मेवात क्षेत्र की बहुत पुरानी मांग थी, जिसे मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने पूरा किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के निकट स्थित होने के बावजूद मेवात जिला शैक्षिक रूप से पिछड़ा रह गया और अब वहां की साक्षरता दर को ऊंचा उठाना एक चुनौती है। उन्होंने उम्मीद जताई की अब यहाँ शिक्षा का पिछड़ापन नहीं रहेगा. आफताब अहमद ने कहा कि मेवात जिला के लिए शिक्षा पर केन्द्रित इतना बड़ा फैसला अपने आप में अनूठा उदाहरण है, जो कि देश में कहीं नहीं मिलेगा। 
मेवात हरियाणा का मुस्लिम बहुल इलाका है. ऐसे में राज्य सरकार सिर्फ आधुनिक शिक्ष ही नहीं बल्कि मुसलमानों की ज़बान मानी जाने वाली उर्दू को भी नौनिहालों को सिखाने की थान चुकी है. राज्य सरकार ने उर्दू जबान को बढ़ावा देने के लिए ख़ास तौर पर मेवात के लिए उर्दू अध्यापकों के 544 पद भी मंजूर किए हैं और इनके लिए विज्ञापन भी निकाला जा चुका है। उर्दू अध्यापक नियुक्त होने के बाद मेवात जिला के सभी प्राथमिक स्कूलों में उर्दू जबान पढ़ाई जाएगी। वर्तमान में जो अध्यापक मेवात जिला में कार्यरत हैं, उनसे अगले तीन महीनों में ऑप्शन मांगी जाएगी कि वे मेवात काडर में रहना चाहते हैं या नहीं। अगर नहीं रहना चाहेंगे तो राज्य सरकार की नीति के अंतर्गत उनका तबादला किसी दूसरे जिले में हो जाएगा। हुड्डा सरकार ने मेवात जिला को शैक्षणिक तथा आर्थिक रूप से ऊपर उठाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं जिससे कि आम जनता तथा गरीब से गरीब व्यक्ति भी अपने बच्चों को शिक्षा दिलवा सके। दावा किया जा रहा है की राज्य में हुड्डा सरकार बनने के बाद प्रदेश में सबसे ज्यादा स्कूल मेवात जिला में अपग्रेड किए गए तथा पिछले दो वर्षों में यहां लगभग 1500 शिक्षकों की नियुक्ति भी हुई। पिछले वर्ष नवम्बर में शिक्षा के अधिकार अधिनियम की शुरूआत मेवात जिला से की गई, जिसके तहत दस्तक-ए-तालीम कार्यक्रम शुरू हुआ। हुड्डा सरकार ने जिला मेवात में आरोही स्कूल खोले तथा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय शुरू किए, जो दसवीं तक थे लेकिन राज्य सरकार ने पिछले विधानसभा सत्र में प्रस्ताव पारित करके इन स्कूलों को 10+2 तक करने का फैसला लिया। जिला के गांव मढ़ी में गणित व विज्ञान के स्कूल तथा गांव खानपुर घाटी में लड़कियों के लिए आवासीय स्कूल खोले हैं। गांव सालाहेड़ी में लड़कियों का कॉलेज बनाने की घोषणा की गई, जिसमें इस सत्र से कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। 
अब ये देखना होगा की सरकार की इस पहल के बाद ऐसे कितने शिक्षक हैं जो यहाँ के कैडर में शामिल होने आगे आते हैं. जो शिक्षक इस कैडर में शामिल होंगे उनके सामने कई चुनोतियाँ तो होंगी लेकिन साथ में ही आने वाले समय में जो इतिहास बनेगा निश्चित तौर पर तब ये लोग अपना सर फख्र से ऊँचा करने वालों में शामिल होंगे. उम्मीद की जा सकती है की हरियाणा सरकार की मेवात को लेकर की गई ये पहल जरुर कामयाब होगी और दिल्ली के नजदीक होने के बावजूद पिछड़े इस इलाके में भी विकास की गंगा बहेगी. यहाँ शिक्षा का उजाला फैलेगा. 

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